तिल का तेल ... पृथ्वी का अमृत
अपने पुरखे कितने वैज्ञानिक थे खान पान और हम कितने अवैज्ञानिक कि जो TV पर ऐड देख कर अंधे हो जाते है। यदि इस पृथ्वी पर उपलब्ध सर्वोत्तम खाद्य पदार्थों की बात की जाए तो तिल के तेल का नाम अवश्य आएगा और यही सर्वोत्तम पदार्थ बाजार में उपलब्ध नहीं है. और ना ही आने वाली पीढ़ियों को इसके गुण पता हैं.
क्योंकि नई पीढ़ी तो टी वी के इश्तिहार देख कर ही सारा सामान ख़रीदती है, और तिल के तेल का प्रचार कंपनियाँ इसलिए नहीं करती क्योंकि इसके गुण जान लेने के बाद आप उन द्वारा बेचा जाने वाला तरल चिकना पदार्थ जिसे वह तेल कहते हैं लेना बंद कर देंगे
तिल के तेल में इतनी ताकत होती है कि यह पत्थर को भी चीर देता है. प्रयोग करके देखें....
- आप पर्वत का पत्थर लिजिए और उसमे कटोरी के जैसा खडडा बना लिजिए, उसमे पानी, दुध, धी या तेजाब संसार में कोई सा भी कैमिकल, ऐसिड डाल दीजिए, पत्थर में वैसा की वैसा ही रहेगा, कही नहीं जायेगा...
- लेकिन... अगर आप ने उस कटोरी नुमा पत्थर में तिल का तेल डाल दीजिए, उस खड्डे में भर दिजिये.. 2 दिन बाद आप देखेंगे कि, तिल का तेल... पत्थर के अन्दर भी प्रवेश करके, पत्थर के नीचे आ जायेगा. यह होती है तेल की ताकत, इस तेल की मालिश करने से हड्डियों को पार करता हुआ, हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है.
तिल के तेल के अन्दर फास्फोरस होता है जो कि हड्डियों की मजबूती का अहम भूमिका अदा करता है. और तिल का तेल ऐसी वस्तु है जो अगर कोई भी भारतीय चाहे तो थोड़ी सी मेहनत के बाद आसानी से प्राप्त कर सकता है. तब उसे किसी भी कंपनी का तेल खरीदने की आवश्यकता ही नही होगी. तिल खरीद लीजिए और किसी भी तेल निकालने वाले से उनका तेल निकलवा लीजिए. लेकिन सावधान तिल का तेल सिर्फ कच्ची घाणी (लकडी की बनी हुई) का ही प्रयोग करना चाहिए.
तैल शब्द की व्युत्पत्ति तिल शब्द से ही हुई है। जो तिल से निकलता वह है तैल। अर्थात तेल का असली अर्थ ही है "तिल का तेल".
तिल के तेल का सबसे बड़ा गुण यह है की यह शरीर के लिए आयुषधि का काम करता है.. चाहे आपको कोई भी रोग हो यह उससे लड़ने की क्षमता शरीर में विकसित करना आरंभ कर देता है. यह गुण इस पृथ्वी के अन्य किसी खाद्य पदार्थ में नहीं पाया जाता.
- सौ ग्राम सफेद तिल 1000 मिलीग्राम कैल्शियम प्राप्त होता हैं। बादाम की अपेक्षा तिल में छः गुना से भी अधिक कैल्शियम है।
- काले और लाल तिल में लौह तत्वों की भरपूर मात्रा होती है जो रक्तअल्पता के इलाज़ में कारगर साबित होती है।